अपने आप को दूसरों या किसी भी चीज़ से तुलना करना बंद कर दें, और यही भीतर से सच्ची खुशी पाने की कुंजी है। दूसरों से जीवन को मापने के बजाय, अपने विकास पर ध्यान दें और अपनी अनोखी यात्रा की सराहना करें। यह सोच शांति, आत्म-प्रेम और आपकी अपनी कीमत की गहरी समझ लाती है। खुशी तब मिलती है जब आप बिना तुलना के खुद को स्वीकार करना सीखते हैं!

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